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PM Kisan की 8वीं किस्त कब आएगी? लाखों किसानों को इस वजह से अभी सातवीं ही नहीं मिली By समाजसेवी वनिता कासनियां पंजाबबाल वनिता महिला आश्रम pm kisan samman nidhi schemeआज पीएम किसान सम्मान निधि योजना के 11 करोड़ से अधिक लाभार्थियों के मन में एक ही सवाल है कि 8वीं किस्त कब मिलेगी और कहां लटकी है? इसके अलावा कुछ और सवाल उन्हें हर बार परेशान करते हैं, जैसे इस बार खाते में 2000 रुपये आएंगे कि नहीं? पीएम किसान की किस्त की नई लिस्ट से नाम कट तो नहीं गया? ऐसे सभी सवालों के जवाब इस खबर में आपको मिल जाएंगे, पहले हम सातवीं किस्त का हाल जान लें।By समाजसेवी वनिता कासनियां पंजाबवैसे तो पीएम किसान की सातवीं या यूं कहें कि दिसंबर-मार्च की किस्त के 2000-2000 की रकम 9,92,18,840 किसानों को भेजे जा चुके हैं, लेकिन पीएम किसान पोर्टल पर उपलब्ध आंकड़ों की बात करें तो 14 अप्रैल तक 2 लाख 13 हजार 104 किसानों को मोदी सरकार द्वारा किया गया पेमेंट फेल हो चुका है और 94932 किसानों की सातवीं किस्त अभी लटकी है। पेमेंट फेल होने के मामले में उत्तर प्रदेश सबसे ऊपर है। इसके बाद आंध्र प्रदेश, महाराष्ट्र, गुजरात और राजस्थान का नंबर है।सातवी किस्त का हालराज्य का नाम First Level Data Validated FTO Generated पेमेंट सफल इतने किसानों का पेमेंट लटका इतने का पेमेंट फेलउत्तर प्रदेश 15,392,873 12,372,536 12,321,072 0 51,464आंध्रप्रदेश 3,845,945 3,051,246 3,018,895 3,929 28,422महाराष्ट्र 4,235,038 3,750,036 3,674,377 50,140 25,519गुजरात 3,147,106 2,860,812 2,840,998 2 19,812राजस्थान 3,011,471 2,625,888 2,612,883 0 13,005तेलंगाना 2,667,201 2,439,639 2,427,029 51 12,559तेमिलनाडु 2,773,646 2,559,642 2,548,610 249 10,783केरल 2,613,780 2,413,501 2,403,609 34 9,858हरियाणा 1,253,982 1,169,335 1,160,808 39 8,488पंजाब 1,558,642 1,170,005 1,163,102 0 6,903स्रोत: पीएम किसान पोर्टलपेमेंट फेल होने और किस्त लटकने के पीछे कई वजहें हो सकती हैं। मसलन, हो सकता है आपके आधार, अकाउंट नंबर और बैंक अकाउंट नंबर में गलती हो। अगर ऐसा हुआ तो आपको आने वाली किस्तें भी नहीं मिल पाएंगी। ऐसी गलती को आप घर बैठे दुरुस्त कर सकते हैं। इसके लिए आपको कॉमन सर्विस सेंटर (CSC) भी जाने की जरूरत नहीं है। जानें आसान स्टेप..PM-Kisan Scheme की ऑफिशियल वेबसाइट (https://pmkisan.gov.in/) पर जाएं। इसके फार्मर कॉर्नर के अंदर जाकर Edit Aadhaar Details ऑप्शन पर क्लिक करें।आप यहां पर अपना आधार नंबर दर्ज करें। इसके बाद एक कैप्चा कोड डालकर सबमिट करें।अगर आपका केवल नाम गलत होता है यानी कि अप्लीकेशन और आधार में जो आपका नाम है दोनों अलग-अलग है तो आप इसे ऑनलाइन ठीक कर सकते हैं।अगर कोई और गलती है तो इसे आप अपने लेखपाल और कृषि विभाग कार्यालय में संपर्क करेंइसे अलावा वेबसाइट पर दिए गए Helpdesk ऑप्शन पर क्लिक करने के बाद आप आधार नंबर, अकाउंट नंबर और मोबाइल नंबर एंटर करने के बाद जो भी गलतियां हैं, उन्हें सुधार सकते हैं।जैसे आधार नंबर में सुधार, स्पेलिंग में गलती ऐसी तमाम गलतियों को ठीक किया जा सकता है। आपके पैसे क्यों अटक गए हैं, इसकी भी जानकारी मिल जाएगी, ताकि आप गलतियों को सुधार सकें।जानिए कब-कब आती है किस्तपीएमम किसान सम्मान निधि स्कीम मोदी सरकार ने 24 फरवरी 2019 को शुरू किया था और यह एक दिसंबर 2018 से ही प्रभावित हो गया था। इस स्कीम के तहत सरकार किसानों को हर साल 6000 रुपये तीन किस्तों में देती है। पहली किस्त एक अप्रैल से 31 जुलाई, दूसरी किस्त एक अगस्त से 30 नवंबर और तीसरी किस्त एक दिसंबर से 31 मार्च के बीच आती है। किस्त किसानों के खाते में डायरेक्ट ट्रांसफर कर दी जाती है। कब आएगी 8वीं किस्तकृषि मंत्रालय के सूत्रों के मुताबिक अप्रैल-जुलाई की किस्त इस महीने के अंति हफ्ते या 2 मई के बाद कभी जारी हो सकती है। अभी तक अधिकतर राज्यों ने Rft साइन नहीं किया है। इस वजह से किस्त लटकी है।

केवल महिलाएं ही पढें ये थोड़ा… सीक्रेट है।By समाजसेवी वनिता कासनियां पंजाब✍️ कुछ खास आप सभी 40+ के लिख रही हूँ। आजमाइए अवश्य।चूंकि प्रश्न मैंने किया था तो उत्तर तो बनता है।यदि आपकी उम्र चालीस पार पार हो गई है और आप इस सीक्रेट को छुपाए रखना रखना चाहते हैं तो आप विशिष्ट खाद्य पदार्थों जिसे सुपर फूड कहते उसे अपने आहार में सम्मिलित करिए।इस आहर के निरंतर सेवन से आपका शरीर कैंसर के विरुद्ध रोग प्रतिरोधक क्षमता विकसित कर लेता है साथ झुर्रियों से मुक्ति एवं मेटाबॉलिज्म का संतुलन बना रहता है।चलिए जानते हैं विस्तार से -रैशभरी - यह कैंसर रोधी फाइटोकेमिकल्स का कार्य करता है अपितु इस टेक्सचर वाली बेरीज के प्रति एक कप में 8 ग्राम फाइबर होता है। जो कॉन्स्टिपेशन से राहत देकर पेट भरे होने का अनुभव कराता है परिणामस्वरूप अतिरिक्त भोजन खाने से बचा जा सकता है।2. देशी अंडे - अंडे की जर्दी फेके बिना पूरे अंडे खाएं।इसमे हेल्दी फैट्स होते हैं जो आपको संपूर्ण प्रोटीन, कैल्शियम एवं विटामिन डी की पूर्ति करते हैं। जिससे पूर्णता का अनुभव कराते हैं। एवं क्रेविंग को रोकने में सहयोगी होते हैं।3. प्याज़ - कैंसर रोधी का कार्य करता है। रोग प्रतिरोधक क्षमता बढ़ाने में सहायक है। जो महिलाएं इसके गंध को नापसंद करती हैं कृप्या 40+ वाली महिलाएं इसे अपने भोजन में सम्मिलित करिए।4. बादाम एक टेस्टी एवं पोर्टेबल स्नैक में हार्ट - हेल्दी मोनोअनसैचुरैटेट पॉली अनसैचुरेटेड फैट होते हैं। जो एल डी एल कॉलेस्ट्राल को संतुलित करने में सहायक होते हैं। व्यायाम करने वाली महिलाओं के वजन कम करने में सहायक होते हैं।5. पालक - विटामिन ई के साथ अमीनो एसिड बीटेन, उच्च फाइबर एवं अन्य पोषक तत्व Choline जो लीवर में फैट स्टोरिंग जीन को बंद करने का कार्य करता है।6. हल्दी - इसमें एंटीआॉक्सीडेंट पाई जाती है। जो कैंसर की सूजन से रक्षा करता है।7. शहद में कॉपर, आयरन, मैग्नीशियम, मैगनिज जिंक जैसे मिनरल्स होते हैं जिससे मस्तिष्क खुश रहता है और स्कीन ग्लो करती है। स्कीन सेल्स में युवा निखार लाती है।8. सेब - जो महिलाएं नियमित रूप से सेब खाती हैं उनमें कोरोनरी रोगों से लड़ने की क्षमता उत्पन्न हो जाती है। परिणामस्वरूप 12से 23% रोगों का भय कम हो जाता है।9. तरबूज - आँखों के चारों ओर घबराहट उत्पन्न करने वाले पफीनेस को कम करता है।10. गाजर - गाजर में पाया जाने वाला विटामिन A बढ़ती उम्र में ग्लोइंग त्वचा के साथ आँखों की रौशनी में भी वृद्धि करता है। इसके अतिरिक्त यह बीटा कैरोटीन से भरपूर होता है।बाल वनिता महिला आश्रमबीटा कैरोटीन एथेरोस्क्लेरोसिस से भी बचाता है। एथेरोस्क्लेरोसिस की वजह से धमनियों में वसा और कोलेस्ट्रॉल जमा हो जाता है और इसकी वजह से किसी की मौत भी हो सकती है। अतः गाजर का सेवन अवश्यपोस्ट पढ़ने के लिए धन्यवाद। 🙏

PM Kisan की 8वीं किस्त कब आएगी? लाखों किसानों को इस वजह से अभी सातवीं ही नहीं मिली By समाजसेवी वनिता कासनियां पंजाबबाल वनिता महिला आश्रम pm kisan samman nidhi schemeआज पीएम किसान सम्मान निधि योजना के 11 करोड़ से अधिक लाभार्थियों के मन में एक ही सवाल है कि 8वीं किस्त कब मिलेगी और कहां लटकी है? इसके अलावा कुछ और सवाल उन्हें हर बार परेशान करते हैं, जैसे इस बार खाते में 2000 रुपये आएंगे कि नहीं? पीएम किसान की किस्त की नई लिस्ट से नाम कट तो नहीं गया? ऐसे सभी सवालों के जवाब इस खबर में आपको मिल जाएंगे, पहले हम सातवीं किस्त का हाल जान लें।By समाजसेवी वनिता कासनियां पंजाबवैसे तो पीएम किसान की सातवीं या यूं कहें कि दिसंबर-मार्च की किस्त के 2000-2000 की रकम 9,92,18,840 किसानों को भेजे जा चुके हैं, लेकिन पीएम किसान पोर्टल पर उपलब्ध आंकड़ों की बात करें तो 14 अप्रैल तक 2 लाख 13 हजार 104 किसानों को मोदी सरकार द्वारा किया गया पेमेंट फेल हो चुका है और 94932 किसानों की सातवीं किस्त अभी लटकी है। पेमेंट फेल होने के मामले में उत्तर प्रदेश सबसे ऊपर है। इसके बाद आंध्र प्रदेश, महाराष्ट्र, गुजरात और राजस्थान का नंबर है।सातवी किस्त का हालराज्य का नाम First Level Data Validated FTO Generated पेमेंट सफल इतने किसानों का पेमेंट लटका इतने का पेमेंट फेलउत्तर प्रदेश 15,392,873 12,372,536 12,321,072 0 51,464आंध्रप्रदेश 3,845,945 3,051,246 3,018,895 3,929 28,422महाराष्ट्र 4,235,038 3,750,036 3,674,377 50,140 25,519गुजरात 3,147,106 2,860,812 2,840,998 2 19,812राजस्थान 3,011,471 2,625,888 2,612,883 0 13,005तेलंगाना 2,667,201 2,439,639 2,427,029 51 12,559तेमिलनाडु 2,773,646 2,559,642 2,548,610 249 10,783केरल 2,613,780 2,413,501 2,403,609 34 9,858हरियाणा 1,253,982 1,169,335 1,160,808 39 8,488पंजाब 1,558,642 1,170,005 1,163,102 0 6,903स्रोत: पीएम किसान पोर्टलपेमेंट फेल होने और किस्त लटकने के पीछे कई वजहें हो सकती हैं। मसलन, हो सकता है आपके आधार, अकाउंट नंबर और बैंक अकाउंट नंबर में गलती हो। अगर ऐसा हुआ तो आपको आने वाली किस्तें भी नहीं मिल पाएंगी। ऐसी गलती को आप घर बैठे दुरुस्त कर सकते हैं। इसके लिए आपको कॉमन सर्विस सेंटर (CSC) भी जाने की जरूरत नहीं है। जानें आसान स्टेप..PM-Kisan Scheme की ऑफिशियल वेबसाइट (https://pmkisan.gov.in/) पर जाएं। इसके फार्मर कॉर्नर के अंदर जाकर Edit Aadhaar Details ऑप्शन पर क्लिक करें।आप यहां पर अपना आधार नंबर दर्ज करें। इसके बाद एक कैप्चा कोड डालकर सबमिट करें।अगर आपका केवल नाम गलत होता है यानी कि अप्लीकेशन और आधार में जो आपका नाम है दोनों अलग-अलग है तो आप इसे ऑनलाइन ठीक कर सकते हैं।अगर कोई और गलती है तो इसे आप अपने लेखपाल और कृषि विभाग कार्यालय में संपर्क करेंइसे अलावा वेबसाइट पर दिए गए Helpdesk ऑप्शन पर क्लिक करने के बाद आप आधार नंबर, अकाउंट नंबर और मोबाइल नंबर एंटर करने के बाद जो भी गलतियां हैं, उन्हें सुधार सकते हैं।जैसे आधार नंबर में सुधार, स्पेलिंग में गलती ऐसी तमाम गलतियों को ठीक किया जा सकता है। आपके पैसे क्यों अटक गए हैं, इसकी भी जानकारी मिल जाएगी, ताकि आप गलतियों को सुधार सकें।जानिए कब-कब आती है किस्तपीएमम किसान सम्मान निधि स्कीम मोदी सरकार ने 24 फरवरी 2019 को शुरू किया था और यह एक दिसंबर 2018 से ही प्रभावित हो गया था। इस स्कीम के तहत सरकार किसानों को हर साल 6000 रुपये तीन किस्तों में देती है। पहली किस्त एक अप्रैल से 31 जुलाई, दूसरी किस्त एक अगस्त से 30 नवंबर और तीसरी किस्त एक दिसंबर से 31 मार्च के बीच आती है। किस्त किसानों के खाते में डायरेक्ट ट्रांसफर कर दी जाती है। कब आएगी 8वीं किस्तकृषि मंत्रालय के सूत्रों के मुताबिक अप्रैल-जुलाई की किस्त इस महीने के अंति हफ्ते या 2 मई के बाद कभी जारी हो सकती है। अभी तक अधिकतर राज्यों ने Rft साइन नहीं किया है। इस वजह से किस्त लटकी है।

ऐसी कौन सी भूल थी जिसकी वजह से करोड़ों लोगों की जान चली गई थी? By समाजसेवी वनिता कासनियां पंजाबविश्व के इतिहास में ऐसी कई भयानक और खतरनाक घटनाएं हुई हैं जिनके बारे में सुन कर आत्मा तक कांप जाती है। ऐसी ही एक भयानक घटना चीन मे ६२ साल पहले हुई थीं जिसमे करोड़ों लोग मारे गए थे। और इस भयानक तबाही के पीछे चीन कि ही एक मामूली सी गलती थी। आप भी सोच कर हैरान हो गए होंगे कि चीन ने ऐसी कौन सी गलती कर दी थी। हालांकि चीन ने बाद मे उस गलती को सुधारने का बहुत प्रयास किया लेकिन तब तक बहुत देर हो चुकी थी और करोड़ों लोग काल के गाल में समा चुके थे।हम यहां बात कर रहे हैं "The Great China Famine" की, चीन का हर नागरिक इस बात को बहुत अच्छी तरह जानता है।बात सन १९५८ की है तब चीन की बागडोर "माओ जेडांग" के पास थी उन्होंने उस समय एक अभियान शुरू किया था जिसका नाम था " फॉर पेस्ट कैंपेन"।इस कैंपेन में उन्होंने मच्छर, मक्खी, चूहा और गौरैया को मारने का आदेश दिया था। उनका मानना था कि ये सब किसानों की मेहनत बेकार कर देते हैं और फसलों कों बहुत नुकसान पहुंचाते हैं।मच्छर, मक्खी और चूहों को मरना थोड़ा मुश्किल काम था क्युकी ये आसानी से छुप जाते हैं लेकिन गौरैया एक सामाजिक पंछी है जिसे इन्सानों के बीच रहना पसंद है, इसलिए चाइना वासियों ने गौरैया को अपना शिकार बनाना सुरु किया।पूरे चीन में गौरैया को ढूंढ ढूंढ कर मारा जाने लगा, उनके घोसलो को नस्ट कर दिया गया और उनके बच्चो और अंडो को मार कर खाया जाने लगा।लोग बर्तन, ड्रम, या टीन को बजा बजा कर गौरैया को उड़ाते और तब तक उसका पीछा करते जब तक वो थक कर गिर ना जाती और फिर उसे मार कर खा जाते। जो जितनी ज्यादा गौरैया मारता उसे उतना ही ज्यादा इनाम मिलता और इनाम के लालच में धीरे धीरे करके सारी गौरैया या तो चीन से भाग गई या मारी गई।सन् १९६० में मशहूर पक्षी विज्ञानी "शो शिन चेंग" ने "मायो जेदांग" को बताया कि पक्षियों को मारने से फसलों को नुकसान करने वाले कीड़ों की संख्या बहुत बड़ जाती है जिससे फसलों को बहुत नुकसान होता है, क्युकी गौरैया इन्हीं सब कीड़ों को खाती है। ये सुनने के बाद "मायो जेड़ांग" ने अपने आदेश को वापस ले लिया लेकिन तब तक बहुत देर हो चुकी थी।गौरैया के ना होने से टिड्डियां बहुत हो गई थीं, क्युकी गौरैया टिड्डियां बहुत खाती है और गौरैया ना होने से टिड्डियां पूरी की पूरी फसल खाने लगी नतीजा ये हुआ कि खेत में खड़ी खड़ी फसलों को टिड्डियां खा गई। सारी फसलें बर्बाद हो गई और चीन में भयानक आकाल पड़ गया। करोड़ों लोग भूख से मर गए, चीनी सरकार के आंकड़ों के मुताबिक़ १.५ करोड़ लोग भूकमरी से मर गए। यह त्रासदी चीन के इतिहास मे सबसे भयानक त्रासदी मानी जाती है।बाल वनिता महिला आश्रमहमारे ऋषि मुनियों ने इसलिए सारे जानवर, कीड़ों, और पंक्षिओ आदि को इंसान के बराबर ही माना है और इन्हें भगवान के रूप मे पूजा भी की जाती है ताकि हम उनको नुकसान ना पहुंचाए।

गेहूं बेचने वाले किसान ध्यान दें! यूपी सरकार इस मशीन से कर रही है खरीद, ऐसे कराएं रजिस्ट्रेशन By समाजसेवी वनिता कासनियां पंजाब कोरोना के चलते भीड़ इकट्ठी न हो इसके लिए खरीद केंद्रों पर राज्य सरकार ने पहले से ही ऑनलाइन रजिस्ट्रेशन कराने की व्यवस्था की है.बाल वनिता महिला आश्रम जिलों में ई-पॉप के जरिए खरीद शुरूदेश के कई राज्यों में गेहूं की सरकारी खरीद शुरू हो चुकी है. गेहूं खरीद में पारदर्शिता लाने के लिए उत्तर प्रदेश सरकार अब ई-पॉप मशीनों का इस्तेमाल कर रही है. गेहूं की खरीद में इलेक्ट्रॉनिक प्वाइंट ऑफ परचेज (ई-पॉप) डिवाइस का प्रयोग करने वाला यूपी अब देश का पहला राज्य बन गया है. इसके इस्तेमाल से गेहूं खरीद में धांधली और गड़बड़ी की आशंका समाप्त हो जाएगी. इस मशीन की मदद से किसानों को उनके आनाज का भुगतान सीधे उनके खाते में मिलेगा.राज्य के किसान अब अपने ही राज्य की मंडियों में किसान इलेक्ट्रॉनिक प्वाइंट ऑफ परचेज (ई-पॉप) डिवाइस के माध्यम से गेहूं की बिक्री कर सकेंगे. यूपी सरकार के अनुसार, ई-पॉप मशीन से खरीद करने पर किसानों को कुल तौल की गई गेहूं की मात्रा व गेहूं के मूल्य की प्रिंटेड रसीद तत्काल दी जाएगी.कोविड गाइडलाइन्स का पालन करने के निर्देशप्रदेश के विभिन्न जनपदों में ई-पॉप मशीनें सरकार द्वारा उपलब्ध करा दी गई हैं. देश के इतिहास में यह पहली बार है, जब कोई अनाज खरीद प्रक्रिया में कृषक उत्पादक संगठनों को भी शामिल किया गया है. इसके अलावा खरीद केंद्रों पर ऑक्सीमीटर, इंफ्रारेड थर्मामीटर की व्यवस्था उपलब्ध कराने के निर्देश भी अफसरों को दिए गए हैं.ऑनलाइन रजिस्ट्रेशन की सुविधा उपलब्धकोरोना के चलते भीड़ इकट्ठी न हो इसके लिए खरीद केंद्रों पर राज्य सरकार ने पहले से ही ऑनलाइन रजिस्ट्रेशन कराने की व्यवस्था की है. जिसके तहत, टोकन नंबर के हिसाब से किसान अपनी बारी आने पर खुद केंद्र पहुंच कर गेहूं बेच सकेंगे. इसके अलावा राज्य सरकार किसानों को उनके खेत के 10 किलोमीटर के दायरे में खरीद केंद्र उपलब्ध करा रही है, ताकि किसानों को गेहूं बेचने के लिए ज्यादा दूर नहीं जाना पड़े.इन जिलों में ई-पॉप के जरिए खरीद शुरूइलेक्ट्रॉनिक प्वाइंट ऑफ परचेज एक मशीन है, जिसपर अंगूठा लगाकर कोटे से राशन मिलता है. इस मशीन के जरिए पहली खरीद बीते 7 अप्रैल को मुरादाबाद जिले में विपणन शाखा क्रय केन्द्र कुन्दरकी पर हुई. मुरादाबाद के अलावा बरेली, रामपुर, बुलंदशहर, मुरादाबाद, आगरा आदि जिलों में भी ई-पॉप मशीन के माध्यम से खरीद प्रारम्भ हो गई है.ਯੂਪੀ ਵਿੱਚ ਕਣਕ ਦੀ ਖਰੀਦWheat procurement in UPई-पॉप मशीन पर खरीद प्रक्रिया पूरी होते ही कुल तौल की गई गेहूं की मात्रा की प्रिन्टेड रसीद किसानों को तुरंत मिल रही है, जिसपर गेहूं की कुल तौल का मूल्य भी लिखा रहता है. खाद्य आयुक्‍त मनीष चौहान के अनुसार, उत्तर प्रदेश देश का पहला राज्य है, जहां पर एमएसपी के अंतर्गत किसानों को लाभाविन्त करने व बिचैलियों की भूमिका को खत्‍म करने के लिए ई-पॉप मशीन के माध्‍यम से गेहूं खरीद की जा रही है.यहां कराएं रजिस्ट्रेशनसरकार ने रबी विपणन वर्ष 2021-22 की फसल की खरीद के लिए रजिस्ट्रेशन कराने को कहा है. जिस भी किसान को गेहूं बेचना है उन्हे जन सुविधा केंद्र या साइबर कैफे से खाद्य सुरक्षा के पोर्टल fcs.in पर ऑनलाइन पंजीयन कराना होगा.