मरदाने ने
वाहेगुरु जी से
पुछा
*दोस्त और भाई*
में क्या फर्क है.?
वाहेगुरु ने
फरमाया
*भाई सोना है*
और
*दोस्त हीरा है*
मरदाना ने कहा
आप ने
भाई को कम
कीमत
और
दोस्त को ज्यादा कीमती
चीज़ से
क्यू तशबीह दी
तो
वाहेगुरु ने फरमाया
सोने में दरार
आ जाये तो
उस को पिघला कर बिलकुल
पहले जैसा
बनाया जा
सकता है
*जब कि हीरे में*
एक दरार भी
आ जाये तो वो
कभी भी पहले
जैसा नही बन सकता.
ज़मीन के ऊपर *महोब्बत*
से रहना सीख लो
वर्ना ज़मीन के
अंदर
सुकुन से नही रह पाओगे...
अगर तुम्हें खुशियाँ मिलने लगें तो,
तीन
चीज़ मत भूलना..,..
*रब को*
उसकी
*मखलूक को*
और
*अपनी औकात* *को..!*
रब वो है जो
33 टन की व्हेल मछली को भी
रोज़ाना समन्दर
में पेट भर खाना खिलाता है
तो फिर हम
*सिर्फ 2 रोटी*
के लिए इतना
परेशान
क्यों होते है ??
वाहेगुरू जी
ये बात आगे
पहुँचाने वाले को
कभी किसी का मोहताज
ना करना ।
वनिता कासनियां पंजाब
🌹🌹🙏🙏🌹🌹
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