नागरिक कानून का जो गल्त उगर विरोध हुवा था,उसी तरह का यह किसान आंदोलन है. झूठे बहाने से 50 किसान यूनियनें व 20 पोलिटकल पार्टियाँ भोले भाले किसानो की भावना को भडकाने मे कामयाब हो गई है.13 दिन से किसानो की भीड दिल्ली के रास्ते रोक कर बैठी है व आज भारत बंद भी हो रहा है.सच मे खेती से जुडे 1 % परतिशत लोग भी गुस्से मे नही है.पर परचार किया जा रहा है सारे देश के किसान मजदूर बहुत मुसीबत मे है,बरबाद होने वाले है.सभी अगुआ यह नही सोच रहे की देश ऐसी मूरखता से कभी आगे नही बढ सकता.पर भारत मे अपनी रोटियां सेकने का काम सभी तरह के संघठन करते है जिसमे बीजेपी भी शामिल है. इस दरष्टीकोण पर आप हाँ मे हाँ मिलाये यह मै नही कह रहा. आपकी सोच एक दम विरोध मे हो सकती है.मै दावे के साथ कहता हूँ की यह आंदोलन भी नागरिक कानून जैसी एक ओर मूरखता कहा जायेगा.किसान खेती की किसी भी दिक्कत पर सरकार से पचास सौ किसान बात करने को काफी थे.कृषि के निषपक्ष विशेषज्ञो की राय किसान व सरकार दोनो मान लेते.पर ऐसी कोई नीयत ही नही है,केवल अडना मात्र मकसद है. Vnita Kasnia Punjab🌹🌹🙏🙏🌹🌹,

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