किसान का अनाज सड़को पर पड़ा ह ये सरकार कितनी नक्मी ह देश आज भी भूखा पड़ा ह

ये ग़लती मत करो किसान नेताओं
By समाजसेवी वनिता कासनियां पंजाब🙏

#बाल #वनिता #महिला #वृद्ध #आश्रम, तमाम नेता, किसान और किसान समर्थक बार-बार एक बहुत बड़ी ग़लती कर रहे हैं। किसान #आंदोलन को संपूर्ण आदर्शवादी और बाकि देश से अलग तरह की दुनिया घोषित करने की ग़लती।

इसी के चलते हर छोटी-बड़ी घटना के बाद आंदोलन का असली मुद्दा भटककर उस घटना पर सवाल-जवाब और #साफ-सफाई की तरफ शिफ्ट हो जाता है। 

संयुक्त किसान मोर्चा को स्पष्ट तौर पर सरकार और तमाम आंदोलन विरोधियों को कह देना चाहिए कि

ये जो किसान सरकार के ख़िलाफ़ तीन कृषि क़ानूनों को लेकर लड़ाई लड़ रहे हैं, ये कोई आसमान से उतरे हुए अवतार पुरुष नहीं है। यह लोग इसी समाज, इसी देश के हिस्से हैं। आप लोगों की तरह ये भी आम आदमी हैं। दुनिया में जो बुराइयां हैं, वो लगभग उसी अनुपात में इन किसानों में भी मिलेगी। कोई जातिवादी होगा, कोई शराबी होगा, किसी में चोरी-जारी की आदत भी होगी, कोई हिंसक भी होगा, कोई स्वादू भी होगा। 

इनके भीतर भी कई तरह के भ्रष्ट लोग होंगे, बिकाऊ भी होंगे, अलग-अलग पार्टियों के कार्यकर्ता भी होंगे, सेवादार भी होंगे, निहायत ही शरीफ भी होंगे, बागी भी और क्रांतिकारी भी होंगे। किसान भी होंगे और वो भी होंगे जिनका किसानी से कोई वास्ता नहीं है। इसमें वह लोग भी हैं जिन्हें कृषि क़ानूनों का 'क' भी नहीं पता है और वो लोग भी हैं जिन्हें मौजूदा से लेकर आने वाले क़ानूनों तक की पूरी समझ है। 

ये लोग जहां भी रहेंगे अपने गुण और दोषों को साथ लेकर चलेंगे। इनमें से कोई समझदारी भी दिखाएगा, कोई ग़लती भी कर सकता है और कोई वारदात भी।

हर एक जन आंदोलन का यही स्वरूप होता है। भूतकाल में भी ऐसा ही हुआ है, आज भी है और भविष्य में भी ऐसा ही होगा। 

इस आंदोलन में भी जो तमाम लोग शामिल हैं, वो अपने-अपने गुण अवगुण, मुद्दे, विश्वास, अंधविश्वास, शिकवे, शिकायतें और स्वार्थ अपने साथ लेकर इस मुहिम से जुड़े हैं। 

मुहिम है तीन कृषि कानूनों के ख़िलाफ़। मुहिम है MSP की गारंटी लेने की। बस!

संयुक्त किसान मोर्चा, तमाम किसानों और किसान समर्थकों का बस इन्हीं 2 पंक्तियों का रिश्ता है। बाकि सबकुछ व्यक्तिगत है। संयुक्त मोर्चा या किसान नेता किसी की व्यक्तिगत गारंटी नहीं ले सकते और ना ही लेनी चाहिए।

व्यक्तिगत तौर पर या फिर एक समूह के रूप में कोई भी व्यक्ति कुछ भी करता है, वो उसकी मर्जी है। जो जैसा करेगा, वैसा भरेगा। 

माननीय किसान नेताओं! एक बात नोट लो। जो लोग मोदी को भगवान और खट्टर को देवता मान चुके हैं, उनको चाहे आप छाती फाड़कर दिखा दो, ये लोग आपका साथ कभी नहीं देंगे। ये लोग आपका समर्थन नहीं करेंगे। यह लोग उसी दिन आप के ख़िलाफ़ हो गए थे, जिस दिन आपने मोदी के ख़िलाफ़ बोलने की जुर्रत की थी।

इसलिए ऐसे लोगों की नज़रों में अवतार पुरुष बनने या तमाम किसानों को आदर्शवादी साबित करने का बोझ खुद पर मत डालो। ये जो लोग हर बात पर आपको ज़िम्मेदारी लेने की नसीहत देते हैं। ये खुद अपने काम और कारनामों की कितनी ज़िम्मेदारी लेते हैं, ये सबको पता है।

इसलिए कोई कुछ करे, कोई कुछ बोले, कोई कितने भी आरोप लगाए, कोई कितना भी भटकाने की कोशिश करे, चाहे कोई वारदात हो या फिर छोटी-मोटी घटना हो, आप लोग सिर्फ 3 कृषि कानूनों और MSP के मुद्दे पर डटे रहो। इसके अलावा किसी भी मुद्दे पर बात करना मतलब जानबूझकर आंदोलन को भटकाना है । 
🙏🇮🇳🙏
#किसानआंदोलन #लड़ेंगे_जीतेंगे #बाजार_की_रौनक_खेतों_से_है_देश_बचाओ।।

#किसान देश बचाने निकले हैं।।

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