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#सावन का महीना चल रहा है और इस दौरान महिलाएं व्रत रखती है और बिना लहसुन प्याज के खाना खाती है।By #वनिता #कासनियां #पंजाब ऐसे में महिलाएं व्रत में खाने के लिए कुछ न कुछ अलग और टेस्टी फलहार बनाती है। कई बार एक ही तरह का खाना खाकर #महिलाएं बोर हो जाती है।ऐसे में महिलाएं सावन में चने बना सकती है चने खाने से न सिर्फ भूख मिटती है बल्कि हेल्दी भी रहते है। चने से आप कई अलग अलग वेरायटी बना सकती है। आप हर रोज टेस्टी तरीके से चने को अपने आहार में शामिल कर सकती है तो चलिए जानते है काले चने बनाने की सरल रेसिपी के बारे में जिसे आप व्रत में खा सकती है सामग्री - 400 ग्राम #काले #चने उबले हुए,3 हरी मिर्च,स्वादानुसार सेंधा नमक ,3 चम्मच घी,1 छोटा टमाटर,जीरा और थोड़ी सी कसूरी मेथीबनाने की विधि - सावन के महीने में चने बनाने के लिए सबसे पहले चने को रातभर के लिए पानी में भिगोकर रख दे। आप इसमें बेकिंग सोडा डाल सकती है। रातभर चने भिगोने के बाद चने को कुकर में सेंधा नमक डालकर उबालने के लिए रख दे और फिर गैस बंद कर दे इसके बाद कड़ाही में घी डाले और उसमे जीरा और कसूरी मेथी का तड़का लगा ले। तड़का अच्छी तरह से लगने के बाद इसमें कटी हुई हरी #मिर्च डाले अब इसमें #चने #मसाले डाले और कुछ देर के लिए भून ले। जब ये अच्छे से भून जाए तो गैस बंद कर दे इसे एक बॉल में निकाले अब #टेस्टी चने बनकर तैयार है गर्मागर्म चने में हरा धनिया डालकर सर्व करे। इसे आप व्रत में आसानी से खा सकते है

(health home remedies)What are the symptoms of hernia disease, and ways to avoid it?By , vnitakasniapunjab05114@gmail.comSee this thing is certain that there is no medicine for the disease called hernia, only one

#बलुवाना #न्यूज #किसान, #पंजाब : संरक्षित #खेती #किसानों के लिए लाभ का सौदा है। टमाटर, शिमला मिर्च, ब्रोकली, फूल गोभी, पत्ता गोभी, खीरा, मिर्च, अदरक, गाजर, लौकी, #करेला, #मटर, #धनिया, भिंडी, तोरई आदि की संरक्षित खेती की जाती है।यह जानकारी शुक्रवार को उद्यान विभाग के वैज्ञानिक एवं विषय समन्वयक डा. आजाद कुमार kasnia ने कृषि विज्ञान केंद्र कुलार में 'सब्जियों की संरक्षित खेती से किसानों की आय दोगुनी' विषय पर दी। पांच दिवसीय प्रशिक्षण कार्यक्रम के समापन पर किसानों को प्रशिक्षण का अभ्यास करवाया बाल वनिता महिला वृद्ध आश्रम की अध्यक्ष डा. वनिता कासनियां पंजाब ने सब्जियों की संरक्षित खेती करने के लिए नई #कृषि #तकनीकी और #मौसम के अनुसार #सब्जियों के उत्पादन की जानकारी दी। प्रशिक्षण में वरिष्ठ #कृषि वैज्ञानिक डा. आजाद कुमार आदि थे।संरक्षित खेती के लिए उपयोगी होंगे निम्न उपाय :संरक्षित खेती के लिए पालीहाउस, शेडनेट हाउस व प्लास्टिक मल्चिंग प्रमुख संरचनाएं हैं। शेडनेट हाउस यानी छायादार जालीगृह हरे रंग सामग्री से बनाया जाता है। यह लोहे, बांस या लकड़ी की मदद से बना सकते हैं। यह ग्रीनहाउस के सिद्धांत पर काम करता है। इससे गर्मी के मौसम में भी सब्जियां, फल, फूल उगाएं जा सकते हैं। गर्मी के दिनों में हवा का तापमान अधिक से प्रकाश की तीव्रता बढ़ जाती है। इससे मिट्टी का तापमान बढ़ जाता है। इससे टमाटर, शिमला मिर्च समेत अन्य सब्जियां सूखने लगती हैं।वहीं #प्लास्टिक मल्चिंग का उपयोग टमाटर, गोभी और कद्दू वर्गीय सब्जियों के लिए बेहद फायदेमंद होता है। इससे खरपतवार नियंत्रण, मिट्टी कटाव और पौधों को लंबे समय तक सुरक्षित रखने के लिए किया जाता है। इस तकनीक से 40 फीसदी उत्पादन बढ़ने के साथ खाद एवं सिंचाई के जल की बचत की जाती है।संरक्षित खेती के लिए प्रमुख संरचनाएं-पालीहाउससंरक्षित खेती के लिए आजकल दो तरह के पालीहाउस का निर्माण कराया जाता हैं।एक हाइटेक पालीहाउस और दूसरा प्राकृतिक हवादार पालीहाउस। हाइटेक पालीहाउस काफी महंगा होता हैं, इसमें तापमान नियंत्रण, सिंचाई समेत विभिन्न कार्यों को कम्प्यूटर की मदद से संचालित किया जाता हैं।इसमें गुणवत्तापूर्ण ज्यादा उत्पादन होता हैं।वहीं प्राकृतिक हवादार पालीहाउस में सिंचाई, खाद-उर्वरक देना आदि कामों को मैन्युअल किया जाता हैं। इसमें पालीथिन शीट का प्रयोग किया जाता हैं।जिसकी मदद से #कार्बनडाईऑक्साइड को संरक्षण किया जाता हैं।जो पौधों के विकास में लाभदायक होता हैं।इसमें हाइटेक पालीहाउस की तुलना में कम उत्पादन होता हैं।शेडनेट हाउस-शेडनेट हाउस यानी छायादार जालीगृह होता हैं।जहां पालीहाउस में प्लास्टिक लगा होता है, वहीं शेडनेट हाउस हरे रंग के मटेरियल से निर्मित किया जाता हैं।इसके अंदर उगाई जाने वाली फसलों को बाहरी प्रतिकुल मौसम से संरक्षित करने में मदद मिलता हैं।शेडनेट हाउस लोहे, बांस या लकड़ी की मदद से बना सकते हैं।इसे हवादार नेट से ढंक दिया जाता हैं।यह ग्रीनहाउस के सिद्धांत पर काम करता हैं।इसमें तापमान अनुकूल रहता हैं, जिससे गर्मी के मौसम में भी सब्जियां, फल, फूल उगाएं जा सकते हैं।गर्मी के दिनों में हवा का तापमान बढ़ जाता हैं और प्रकाश की तीव्रता भी बढ़ जाती हैं।इससे #मिट्टी का तापमान बढ़ जाता है।जिससे टमाटर, #शिमला #मिर्च समेत विभिन्न सब्जियां सुखने लगती हैं।#प्लास्टिक मल्चिंग-टमाटर, #गोभीवर्गीय और कद्दू वर्गीय सब्जियों के लिए प्लास्टिक मल्चिंग का उपयोग बेहद फायदेमंद होता हैं।प्लास्टिक मल्चिंग के उपयोग से खरपतवार नियंत्रण, मिट्टी कटाव और #पौधों को लंबे समय तक सुरक्षित रखने के लिए किया जाता हैं।इस तकनीक का प्रयोग करके 30 से 40 फीसदी उत्पादन बढ़ने के साथ ही खाद एवं सिंचाई के जल की बचत होती हैं।

मखाना खाने के फायदे और इन 6 बीमारियो से बचे 2022-Makhana Khane Ke FayedeBy वनिता कासनियां पंजाबMakhana Khane Ke Fayede-मखाना खाने के फायदे मखाना जिसे लोटस सीड,FoxNut,प्रिकली लिली के नाम से जाना जाता हैmakhana की खेती ज्यादा से ज्यादा बिहार में होती है.इसे तालाब,झील आदि शांत पानी में उगाया जाता हैमखाना कैसे उत्पन्न होता हैमखाना खाने के फायदेइसके खेती में कोई केमिकल का प्रयोग नहींहोता है.यह पूरी तरह organic फ़ूड है. दिसंबर से जनवरी के बीच यह बोया जाता है.अप्रैल में पौधो में फूल निकलने लगता है और जुलाई में पानी में तैरने लगता है.इसका फल बहुत कांटे दार होता है.थोड़े दिनों tak में पानी के नीचे बैठ जाता है.1-2 महीने के अन्दर सारे कांटे गल jaya karete hai सितम्बर-अक्टूबर महीने में किसान मखाने के फूलों को इकठा कर लेता हैफिर इसके बीजों को खूब तेज धूप में सुखाया जाता है.मखाना की खेती भारत के अलावा जापान,रूस ,कोरिया व् चाइना में भी होती है.इसके जड़कंद की भी सब्जी बनाई जाती है.मखाने में tarah tarah के प्रोटीन मिलाता है.इसके बीज को तेज धुप में सुखाने के बाद उनके आकार के आधार पर ग्रेडिंग की जाती है.इसकी खेती में बहुत समय लगता है और बहुत मेहनत लगती है.इसका बीज काले रंग का होता है.बीज से मखाना निकालने में तीन दिन लगता है.इसकी popping मशीन होती है 8 अलग अलग ग्रेड के मखाने यानि साइज़ के हिसाब से मखाने होते है.उसके रेट भी अलग अलग होते है.विदेशों में भी बहुत डिमांड है.मखाना खाने के फायदे makhana ke fayedeमखाना में भरपूर मात्रा में कैल्शियम मग्निशिम जिंक और कॉपर होता है.इसका प्रयोग कई तरह से करते है आइए हम बताये इससे आप क्या क्या बना सकते है और क्या फायेदे हैं-जोड़ो में दर्दमखाना में बहुत मात्रा में कैल्शियम पाया जाता है.उम्र बढने के साथ साथ मनुष्य के जोड़ो में दर्द होने लगता हैजोड़ो की ग्रीस ख़त्म होने लगती है अत: मखाना खाने से वो कमी कुछ हद तक आप पूरी कर सकते है.आप को रोज मखाने खाना चाहिए.डायबीटीजजिन भी लोगों को डायबिटीज की बीमारी है वह लोग रोज सुबह उठ कर हर रोजखाली पेट 4-5 मखाने खाते है तो उनकी शुगर कंट्रोल हो जाती है.अगर ज्यादा डायबिटीज है तो इसी तरह रोज खाने से आपकी शुगर धीरे धीरे ख़त्म हो जाएगी.इससे बहुत फायेदे होते है.पाचन शक्ति मखाने में ऐस्त्रिजन गुड होते है.आज कल लोग बाहर का खाना व् जंक फ़ूड खाने की वजह से स्वास्थ पर ध्यान नही देते.अगर आप रोज मखाना खाते है तो आप के शरीर को भरपूर मात्रा में एंटी-ओक्सिडेंट मिलता हैअगर आप को अक्सर दस्त की परेशानी हो जाती है तो आपको रोज मखाने खाने चाहिए.इससे आप की परेशानी दूर हो जायगी.पेट का पाचन भी सही होने लगेगा.दिल की बिमारीमखाना दिल को स्वस्थ रखता है.सुबह खाली पेट मखाना खाने से दिल मजबूत होता है.पाचन क्रिया ठीक रहती है.इससे खून भी पतला होता हो.इससे बॉडी में कलेस्त्रोल भी नही जमता.ब्लड प्रेशर व तनाव को कम करनायह ब्लड प्रेशर को भी कम करता है.तनाव को कम करने के लिए रात को दूध के साथ मखाना अच्छा रहता है.किडनी यह किडनी को स्वस्थ और मजबूत बनता है.वह गुर्दे में गंदगी नही जमा होने देता है.व्रत त्यौहार में मखाने का बहुत प्रयोग होता है.मोटापा भी नही बढ़ता.इसे आप नमकीन मीठा कुछ भी बना कर खा सकती है.इसे भी पढ़POPULAR POSTSearchबाल वनिता महिला वृद्ध आश्रमयह एक हिंदी ब्लॉग है यहाँ आपको सभी तरह के नये अविष्कार, Computer,Technology,Blogging,Internet,Blog, Health, Full form and Use full Information, etc सभी तरह की जानकारी हमारे website पर है.,Tripti Tech NewsDivine Information Proudly powered by WordPress | Theme: Newsup by वनिता कासनियां पंजाब