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🌹🙏 राधे-राधे🙏🌹 By समाजसेवी वनिता कासनियां पंजाब,जन्म से ठीक पहले एक बालक भगवान से कहता है,” प्रभु आप मुझे नया जन्म मत दीजिये , मुझे पता है पृथ्वी पर बहुत बुरे लोग रहते है…. मैं वहाँ नहीं जाना चाहता …” और ऐसा कह कर वह उदास होकर बैठ जाता है ।भगवान् स्नेह पूर्वक उसके सर पर हाथ फेरते हैं और सृष्टि के नियमानुसार उसे जन्म लेने की महत्ता समझाते हैं , बालक कुछ देर हठ करता है पर भगवान् के बहुत मनाने पर वह नया जन्म लेने को तैयार हो जाता है।” ठीक है प्रभु, अगर आपकी यही इच्छा है कि मैं मृत लोक में जाऊं तो वही सही , पर जाने से पहले आपको मुझे एक वचन देना होगा। ” , बालक भगवान् से कहता है।भगवान् : बोलो पुत्र तुम क्या चाहते हो ?बालक : आप वचन दीजिये कि जब तक मैं पृथ्वी पर हूँ तब तक हर एक क्षण आप भी मेरे साथ होंगे।भगवान् : अवश्य, ऐसा ही होगा।बालक : पर पृथ्वी पर तो आप अदृश्य हो जाते हैं , भला मैं कैसे जानूंगा कि आप मेरे साथ हैं कि नहीं ?भगवान् : जब भी तुम आँखें बंद करोगे तो तुम्हे दो जोड़ी पैरों के चिन्ह दिखाइये देंगे , उन्हें देखकर समझ जाना कि मैं तुम्हारे साथ हूँ।फिर कुछ ही क्षणो में बालक का जन्म हो जाता है।जन्म के बाद वह संसारिक बातों में पड़कर भगवान् से हुए वार्तालाप को भूल जाता है| पर मरते समय उसे इस बात की याद आती है तो वह भगवान के वचन की पुष्टि करना चाहता है।वह आखें बंद कर अपना जीवन याद करने लगता है। वह देखता है कि उसे जन्म के समय से ही दो जोड़ी पैरों के निशान दिख रहे हैं| परंतु जिस समय वह अपने सबसे बुरे वक़्त से गुजर रहा था उस समय केवल एक जोड़ी पैरों के निशान ही दिखाइये दे रहे थे , यह देख वह बहुत दुखी हो जाता है कि भगवान ने अपना वचन नही निभाया और उसे तब अकेला छोड़ दिया जब उनकी सबसे अधिक ज़रुरत थी। मरने के बाद वह भगवान् के समक्ष पहुंचा और रूठते हुए बोला , ” प्रभु ! आपने तो कहा था कि आप हर समय मेरे साथ रहेंगे , पर मुसीबत के समय मुझे दो की जगह एक जोड़ी ही पैर दिखाई दिए, बताइये आपने उस समय मेरा साथ क्यों छोड़ दिया ?”भगवान् मुस्कुराये और बोले , ” पुत्र ! जब तुम घोर विपत्ति से गुजर रहे थे तब मेरा ह्रदय द्रवित हो उठा और मैंने तुम्हे अपनी गोद में उठा लिया , इसलिए उस समय तुम्हे सिर्फ मेरे पैरों के चिन्ह दिखायी पड़ रहे थे। “बहुत बार हमारे जीवन में बुरा वक़्त आता है , कई बार लगता है कि हमारे साथ बहुत बुरा होने वाला है , पर जब बाद में हम पीछे मुड़ कर देखते हैं तो पाते हैं कि हमने जितना सोचा था उतना बुरा नहीं हुआ क्योंकि शायद यही वो समय होता है जब ईश्वर हम पर सबसे ज्यादा कृपा करता है। अनजाने में हम सोचते हैं को वो हमारा साथ नहीं दे रहा पर हकीकत में वो हमें अपनी गोद में उठाये होता है। 🌹🙏🚩🚩जय श्री कृष्णा 🚩🚩 🙏🌹

*🍂🍂🌷राधे राधे जी 🌷🍂🍂💥💥💥💥💥💥💥💥💥💥💥💥 By समाजसेवी वनिता कासनियां कृषक की समस्या ख़त्म ना होती,पोलिटिसन वालों के पास पैकेज अस्सी है,थका हारा किसान समस्या हल करने को ,चुनता रस्सी हैं.— जमीन जल चुकी है आसमान बाकी है,सूखे कुएँ तुम्हारा इम्तहान बाकी है,वो जो खेतों की मेढ़ों पर उदास बैठे हैं,उनकी आखों में अब तक ईमान बाकी है,बादलों बरस जाना समय पर इस बार,किसी का मकान गिरवी तो किसी का लगान बाकी है—कौन अब कहा किसान सेबात करते है,यू ही रोज हसीन सपनों कीबात करते है !!गांव से शहर घूमने आये एक किसान ने क्या खूब लिखा है,चिन्ता वहाँ भी थी चिन्ता यहाँ भी हैं, गांव में तो केवल #फसले ही खराब होती थी, शहर में तो पूरी #नस्ले ही खराब है !!मेहनत की मिशाल हैजिन पर ऋणों के निशाँ हैहल चलाने में स्वयं को मिटा दियावो ओर कोई नही मेरे देश का किसान है !!क्यों न लटकाया वन काटने वाले शैतान कोबिना सोचे तूने सीधी सजा दी मेरे किसान को !!छोटे छोटे हाथों में छाले हो जाते हैं…!किसान के बच्चे इसलिए दिलवाले हो जाते हैं..!!यही बॉर्डर पर सेना में कुर्बान हो जाते हैं..!किसान के बच्चे वक़्त से पहले जवान हो जाते हैं..!!एक बार आकर देख केसा,ह्रद्य विदारक मजर हैं,पसलियों से लग गयी हैं आंते,खेत अभी भी बंजर हैं।🌹♦️🌹♦️🌹♦️🌹♦️🌹♦️🌹♦️🌹♦️🌹♦️🌹♦️🌹♦️🌹♦️🌹♦️*

"सौभाग्य......सुधा आइ लाइक यू .....कया तुम मुझसे शादी करोगी.....अचानक आँफिस मे लंच टेबल पर सुधा के सामने जैसे ही मोहन मैरिज प्रपोजल रखा तो सुधा एकदम हड़बड़ा गई....फिर कुछ संभलते हुए बोली....मोहनजी.... मुझे सोचने का समय चाहिए...कहकर वापस आँफिस मे अपनी टेबल पर आ गई...... लंच के बाद से छुट्टी तक मोहन और सुधा की नजरें कयी बार मिली मगर दोनों एकदूसरे को अनदेखा करने की नाकाम कोशिश कर रहे थे ......बात भले ही मोहन ने कही थी मगर दिल मे सुधा के भी एक खास जगह बना ली थी मोहन ने.... मोहन का व्यवहार सभी के लिए बातचीत मे आदर सम्मान देखकर सुधा को भी उसका साथ अच्छा लगता था..... मगर..... वो एक अंतरमन से लड रही थी जो उसे आगे बढने से रोका रहा था.....छुट्टी के वक्त मोहन ने सुधा को रोककर कहा - देखो सुधा .....मैंने अपने मन की बात आपसे कही जो शायद कोमल के जाने के बाद कभी किसी से कहूंगा सोचा भी नही था .....तुम्हारे साथ जो वक्त मिलता है बातचीत का साथ आँफिशियल काम का ....पता नहीं कयो ऐसा लगता है मे तुम्हारे साथ कंन्फिटेबल हूं ....मगर फिर भी अगर आपको कुछ भी गलत लगा हो तो माफी चाहता हूं पर नाराज नही होना आपका जो भी फैसला होगा मुझे स्वीकार होगा ....कहकर मोहन दूसरी दिशा की ओर बढ गया.... सुधा बस पकडकर जल्दी घर आ गयी ....दरअसल उसके सहकर्मी मोहन की पत्नी कोमल पिछले साल एक बच्ची को जन्म देते समय परलोक सिधार गयी और इधर सुधा भी अपने बूढ़े सास ससुर के साथ अकेली ही रहती थी उसके पति का भी बीते दो साल पहले बाइक एक्सीडेंट में निधन हो गया था ......सास ससुर के बहुत चाहने पर भी वो उन्हें इस तरह अकेले छोड़कर दूसरी शादी के लिए राजी नही हुई थी... पर आज जब लंच के समय मोहन ने अपनी तरफ से उसे शादी के लिए कहा " कि तुम भी अकेली हो और में भी अपनी बच्ची को अकेले सम्भाल नही पा रहा तो क्यों ना हम मिलकर एक नया जीवन शुरू करे.........तो इस बात ने उसे झकझोर दिया था बहुत विचार किया उसने.... वो जानती थी की उसके सास ससुर भी यही चाहते है कि उसका घर एक बार फिर से बस जाए.... मन मे एक फैसला लेकर वो रात को सो गई....अगले दिन आँफिस मे मोहन की नजरें उससे मिली...सुधा जानती थी वो उसके जवाब का इंतजार कर रही थी...सुधा ने मोहन से कहा जबाब जानने के लिए वो शाम को घर चले.... अपने घरवालो के सामने ही वो मोहन को जवाब देगी.....शाम को मोहन जब सुधा के साथ घर पहुंचा तो सुधा ने अपने ससुर जी को कहा ...पापा जी ....मम्मी जी ये मोहनजी है मेरे आफिस में मेरे साथ काम करते है इनकी पत्नी नही रही और इनकी एक बच्ची है.... ये मुझसे शादी करना चाहते है.....ससुर जी एकदम से बोले ....अरे बेटा इससे खुशी की और क्या बात होगी हमारे जीते जी तुम्हारा घर बस जाए हम तो आज है कल नही...हम तो यही कबसे चाहते थे ...नही पिता जी .....मैं आपके सामने मोहन से शादी के लिए तभी हां करूँगी अगर शादी के बाद आप भी हमारे साथ ही रहेंगे हम दोनों मिलजुलकर अपनी अपनी जिम्मेदारियां निभाएंगे ....आप दोनों को इस बुढ़ापे में मैं अकेला नही छोड़ सकती.....और दूसरी बात मोहनजी आप की बेटी ही हमारी एकमात्र औलाद होगी .....दूसरा बच्चा हो और मैं कल को कोई भेदभाव करूं ये मुझसे नही होगा .....अब जबाब आपको देना है मोहनजी....की क्या अब भी आप मुझे अपनाना चाहते है......यदि हां तो मे आपसे शादी के लिए पूर्णतया तैयार हूं अन्यथा ....मोहन मुस्कुराते हुए सुधा को देखकर बोला... सुधा मैं कितना खुशकिस्मत हूं जो इतनी समझदार जीवनसंगिनी मिल रही है .....आपके इस फैसले का तहेदिल से सम्मान सहित मुझे स्वीकार्य है ऐसा करने से मुझे भी माता पिता की छत्रछाया मिल जाएगी ....मोहन ने तुरंत झुक कर सास ससुर जी के पैर छुए और सुधा का हाथ थाम कर बोला.....मे धन्यवाद कह कर तुम्हारे जज्बातों का अनादर नही करूँगा मैंने तुम्हें चुनकर कोई गलती नही की .....तभी सासु मां प्लेट में गुड़ रखकर ले आई और प्यार से सुधा को गले लगाकर बोली.. ..पगली ...चलो अब सब का मुंह मीठा करवाओ पहले से बता देती तो मिठाई मंगवा लेते...ससुर जी ने प्यार से बहु से बेटी बनी सुधा के और बेटे बने मोहन के सिर हाथ फेरा.....मेरी बच्चो सदा सुखी रहो....तुम्हारे कारण आज हम दुबारा एक बेटे बेटी के माता पिता बनने का सौभाग्य पा रहे है....." दोस्तो जिन्दगी तब बहुत आसान हो जाती है, जब परखने वाला नही, बल्कि समझने वाला साथी मिल जाता है.."एक सुन्दर रचना... By समाजसेवी वनिता कासनियां पंजाब..🙏🙏🙏,

चेहरे की हँसी से गम को भुला दो,कम बोलो पर सब कुछ बता दो,खुद ना रूठो पर सबको हँसा दो,यही राज है ज़िन्दगी का.. By समाजसेवी वनिता कासनियां पंजाब.!जियो और जीना सिखा दो।,

25 दिसंबर शुक्रवार को मोक्षदा एकादशी का उपवास रहेगा🙏हरे कृष्ण हरे कृष्ण कृष्ण कृष्ण हरे हरे हरे राम हरे राम राम राम हरे हरयुधिष्ठिर बोले: देवदेवेश्वर ! मार्गशीर्ष मास के शुक्लपक्ष में कौन सी एकादशी होती है ? उसकी क्या विधि है तथा उसमें किस देवता का पूजन किया जाता है? स्वामिन् ! यह सब यथार्थ रुप से बताइये । श्रीकृष्ण ने कहा : नृपश्रेष्ठ ! मार्गशीर्ष मास के शुक्लपक्ष की एकादशी का वर्णन करुँगा, जिसके श्रवणमात्र से वाजपेय यज्ञ का फल मिलता है । उसका नाम ‘मोक्षदा एकादशी’ है जो सब पापों का अपहरण करनेवाली है । राजन् ! उस दिन यत्नपूर्वक तुलसी की मंजरी तथा धूप दीपादि से भगवान दामोदर का पूजन करना चाहिए । पूर्वाक्त विधि से ही दशमी और एकादशी के नियम का पालन करना उचित है । मोक्षदा एकादशी बड़े-बड़े पातकों का नाश करनेवाली है । उस दिन रात्रि में मेरी प्रसन्न्ता के लिए नृत्य, गीत और स्तुति के द्वारा जागरण करना चाहिए । जिसके पितर पापवश नीच योनि में पड़े हों, वे इस एकादशी का व्रत करके इसका पुण्यदान अपने पितरों को करें तो पितर मोक्ष को प्राप्त होते हैं । इसमें तनिक भी संदेह नहीं है । पूर्वकाल की बात है, वैष्णवों से विभूषित परम रमणीय चम्पक नगर में वैखानस नामक राजा रहते थे । वे अपनी प्रजा का पुत्र की भाँति पालन करते थे । इस प्रकार राज्य करते हुए राजा ने एक दिन रात को स्वप्न में अपने पितरों को नीच योनि में पड़ा हुआ देखा । उन सबको इस अवस्था में देखकर राजा के मन में बड़ा विस्मय हुआ और प्रात: काल ब्राह्मणों से उन्होंने उस स्वप्न का सारा हाल कह सुनाया । राजा बोले: ब्रह्माणो ! मैने अपने पितरों को नरक में गिरा हुआ देखा है । वे बारंबार रोते हुए मुझसे यों कह रहे थे कि : ‘तुम हमारे तनुज हो, इसलिए इस नरक समुद्र से हम लोगों का उद्धार करो। ’ द्विजवरो ! इस रुप में मुझे पितरों के दर्शन हुए हैं इससे मुझे चैन नहीं मिलता । क्या करुँ ? कहाँ जाऊँ? मेरा हृदय रुँधा जा रहा है । द्विजोत्तमो ! वह व्रत, वह तप और वह योग, जिससे मेरे पूर्वज तत्काल नरक से छुटकारा पा जायें, बताने की कृपा करें । मुझ बलवान तथा साहसी पुत्र के जीते जी मेरे माता पिता घोर नरक में पड़े हुए हैं ! अत: ऐसे पुत्र से क्या लाभ है ? ब्राह्मण बोले: राजन् ! यहाँ से निकट ही पर्वत मुनि का महान आश्रम है । वे भूत और भविष्य के भी ज्ञाता हैं । नृपश्रेष्ठ ! आप उन्हीं के पास चले जाइये । ब्राह्मणों की बात सुनकर महाराज वैखानस शीघ्र ही पर्वत मुनि के आश्रम पर गये और वहाँ उन मुनिश्रेष्ठ को देखकर उन्होंने दण्डवत् प्रणाम करके मुनि के चरणों का स्पर्श किया । मुनि ने भी राजा से राज्य के सातों अंगों की कुशलता पूछी । राजा बोले: स्वामिन् ! आपकी कृपा से मेरे राज्य के सातों अंग सकुशल हैं किन्तु मैंने स्वप्न में देखा है कि मेरे पितर नरक में पड़े हैं । अत: बताइये कि किस पुण्य के प्रभाव से उनका वहाँ से छुटकारा होगा ? राजा की यह बात सुनकर मुनिश्रेष्ठ पर्वत एक मुहूर्त तक ध्यानस्थ रहे । इसके बाद वे राजा से बोले : ‘महाराज! मार्गशीर्ष के शुक्लपक्ष में जो ‘मोक्षदा’ नाम की एकादशी होती है, तुम सब लोग उसका व्रत करो और उसका पुण्य पितरों को दे डालो । उस पुण्य के प्रभाव से उनका नरक से उद्धार हो जायेगा ।’ भगवान श्रीकृष्ण कहते हैं: युधिष्ठिर ! मुनि की यह बात सुनकर राजा पुन: अपने घर लौट आये । जब उत्तम मार्गशीर्ष मास आया, तब राजा वैखानस ने मुनि के कथनानुसार ‘मोक्षदा एकादशी’ का व्रत करके उसका पुण्य समस्त पितरोंसहित पिता को दे दिया । पुण्य देते ही क्षणभर में आकाश से फूलों की वर्षा होने लगी । वैखानस के पिता पितरोंसहित नरक से छुटकारा पा गये और आकाश में आकर राजा के प्रति यह पवित्र वचन बोले: ‘बेटा ! तुम्हारा कल्याण हो ।’ यह कहकर वे स्वर्ग में चले गये । राजन् ! जो इस प्रकार कल्याणमयी ‘मोक्षदा एकादशी’ का व्रत करता है, उसके पाप नष्ट हो जाते हैं और मरने के बाद वह मोक्ष प्राप्त कर लेता है । यह मोक्ष देनेवाली ‘मोक्षदा एकादशी’ By समाजसेवी वनिता कासनियां पंजाब मनुष्यों के लिए चिन्तामणि के समान समस्त कामनाओं को पूर्ण करनेवाली है । इस माहात्मय के पढ़ने और सुनने से वाजपेय यज्ञ का फल मिलता है हरे कृष्ण हरे कृष्ण कृष्ण कृष्ण हरे हरे हरे राम हरे राम राम राम हरे हरे

ਨਵੀਂ ਖੋਜ ਹੋਈ ਛੋਲਿਆਂ ਦੀ ਇਹ ਨਵੀਂ ਕਿਸਮ ਦੇਵੇਗੀ 30 ਕੁਇੰਟਲ ਤੱਕ ਪੈਦਾਵਾਰਕਿਸਾਨ ਵੀਰੋ By Vnita kasnia Punjab ਅੱਜ ਅਸੀ ਤੁਹਾਨੂੰ ਛੋਲਿਆਂ ਦੀ ਇੱਕ ਨਵੀਂ ਕਿਸਮ ਬਾਰੇ ਜਾਣਕਾਰੀ ਦੇਵਾਂਗੇ ਜੋ ਕਿ ਲਗਭਗ 30 ਕੁਇੰਟਲ ਤੱਕ ਦੀ ਪੈਦਾਵਾਰ ਦੇਵੇਗੀ ਅਤੇ ਇਸਦੀ ਸਭਤੋਂ ਵੱਡੀ ਖਾਸਿਅਤ ਇਹ ਹੈ ਕਿ ਇਹ ਸਾਰਾ ਸਾਲ ਇੱਕੋ ਜਿਹਾ ਸਵਾਦ ਦੇਵੇਗੀ। ਯਾਨੀ ਇਸਦੇ ਸੁੱਕੇ ਹੋਏ ਛੋਲੇ ਵੀ ਹਰੇ ਛੋਲਿਆਂ ਵਰਗਾ ਸਵਾਦ ਦੇਣਗੇ।ਤੁਹਾਨੂੰ ਦੱਸ ਦੇਈਏ ਕਿ ਰਾਜਮਾਤਾ ਵਿਜਯਾਰਾਜੇ ਸਿੰਧਿਆ ਖੇਤੀਬਾੜੀ ਯੂਨੀਵਰਸਿਟੀ, ਗਵਾਲੀਅਰ ਦੇ ਵਿਗਿਆਨੀਆਂ ਨੇ 10 ਸਾਲ ਦੀ ਮਿਹਨਤ ਤੋਂ ਬਾਅਦ ਛੋਲਿਆਂ ਦੀ ਨਵੀਂ ਕਿੱਸਮ ਦਾ ਬੀਜ ਤਿਆਰ ਕੀਤਾ ਹੈ।ਇਸਨ੍ਹੂੰ ਅਕਤੂਬਰ ਤੋਂ ਮਾਰਚ ਦੇ ਵਿੱਚ ਬੀਜਿਆ ਜਾ ਸਕੇਗਾ ਅਤੇ ਇਹ ਫਸਲ 110 ਦਿਨ ਵਿੱਚ ਤਿਆਰ ਹੋਵੇਗੀ। ਇਸ ਕਿਸਮ ਦੇ ਸੁੱਕੇ ਛੋਲਿਆਂ ਨੂੰ ਪਾਣੀ ਵਿੱਚ ਭਿਉਂ ਕੇ ਰੱਖਿਆ ਜਾਵੇ ਤਾਂ ਇਸਦਾ ਸਵਾਦ ਹਰੇ ਛੋਲਿਆਂ ਦੀ ਤਰ੍ਹਾਂ ਹੀ ਆਵੇਗਾ। ਵਿਗਿਆਨੀਆਂ ਦਾ ਕਹਿਣਾ ਹੈ ਕਿ ਕਿਸਾਨ ਇੱਕ ਹੈਕਟੇਅਰ ਵਿੱਚ ਆਰਵੀਜੀ-205 ਦਾ 80 ਕਿੱਲੋ ਬੀਜ ਪਾਕੇ ਲਗਭਗ ਸਾਢੇ ਤਿੰਨ ਤੋਂ ਚਾਰ ਲੱਖ ਬੂਟੇ ਤਿਆਰ ਕਰ ਸਕਣਗੇ।,

पूर्व प्रधानमंत्री एवं देश के सबसे सम्मानित किसान नेताओं में अग्रणी, चौधरी चरण सिंह जी को उनकी जयंती के अवसर पर मैं स्मरण एवं नमन करता हूँ। चौधरी साहब आजीवन किसानों की समस्याओं को आवाज़ देते रहे और उनके कल्याण के लिए काम करते रहे। देश उनके योगदान को हमेशा याद रखेगा।चौधरी चरण सिंह चाहते थे कि देश के किसानों की आमदनी बढ़े, उनकी फसलों का लाभकारी मूल्य मिले और किसानों का मान सम्मान सुरक्षित रहे। हमारे प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी उनकी प्रेरणा से ही किसानों के हित में अनेक कदम उठा रहे हैं। किसानों का वे किसी सूरत में अहित नहीं होने देंगे।आज किसान दिवस के अवसर मैं देश के सभी अन्नदाताओं का अभिनंदन karti हूँ। उन्होंने देश को खाद्य सुरक्षा का कवच प्रदान किया है। कृषि क़ानूनों को लेकर कुछ किसान आंदोलनरत हैं। सरकार उनसे पूरी संवेदनशीलता के साथ बात कर रही है। मैं आशा karti हूँ कि वे जल्द ही अपने आंदोलन को वापिस लेगें। By समाजसेवी वनिता कासनियां पंजाब,

पीएम किसान: अगर आपके स्टेटस में लिखा है ऐसा तो जरूर आएगा पैसालाइव हिन्दुस्तान, Vnita Kasnia Punjab LTS Modified: Mon, Dec 14 2020. 12:28 LTS पीएम किसान सम्मान निधि की सातवीं किस्त का करोड़ों किसानों को बेसब्री से इंतजार है। एक दिसंबर से 31 मार्च के बीच आने वाली 2000 रुपये की किस्त अबतक नहीं आई है। गेहूं की बुवाई कर चुके किसानों को अब इस रकम की सख्त जरूरत है ताकि वो अपनी फसल को खाद-पानी दे सकें। ऐसे में करीब इस योजना के 11 करोड़ 39 लाख लाभार्थी बार-बार पीएम किसान के पोर्टल पर अपना स्टेटस चेक कर रहे हैं और उन्हें निराशा हाथ लग रही है। निराश मत हों। अगर आपके स्टेटस में FTO is Generated and Payment confirmation is pending या Rft Signed by State Government लिखकर आ रहा है तो यह तय है कि इस हफ्ते या देर-सवेर आपके खाते में 2000 रुपये जरूर गिरेंगे। अगर आप स्टेटस नहीं चेक कर पा रहे हैं तो हम बताते हैं वह तरीका...ऐसे जानें आपको अबतक कितनी किस्त मिलीपहले पीएम किसान (PM Kisan) की आधिकारिक वेबसाइट https://pmkisan.gov.in/ पर जाएं।यहां आपको राइट साइड पर 'Farmers Corner' का विकल्प मिलेगायहां ‘Beneficiary Status' के ऑप्शन पर क्लिक करें। यहां नया पेज खुल जाएगा।नए पेज पर आधार नंबर, बैंक खाता संख्या या मोबाइल नंबर में से किसी एक विकल्प को चुनिए।आपने जिस विकल्प का चुनाव किया है, उसका नंबर भरिए। इसके बाद 'Get Data' पर क्लिक करें।यहां क्लिक करने के बाद आपको सभी ट्रांजेक्शन की जानकारी मिल जाएगी। यानी कौनसी किश्त कब आपके खाते में आई और किस बैंक अकाउंट में क्रेडिट हुई। यह भी पढ़ें: PM Kisan Samman Nidhi: 2000 रुपये की किस्त लेकर फंस गए 2.30 लाख किसानसातवीं किस्त से जुड़ी जानकारी भी आपको यहां मिल जाएगी। यह भी पढ़ें: PM Kisan: जेब से बिना खर्च किए मोदी सरकार से पाएं 36000 रुपये सलाना ,,

PM Kisan: जेब से बिना खर्च किए मोदी सरकार से पाएं 36000 रुपये सलाना लाइव हिन्दुस्तान, Vnita kasnia Punjab Last Modified: Mon, Nov 09 2020. 12:01 lTS पीएम किसान सम्मान निधि के अगर आप लाभार्थी हैं तो आपको केंद्र सरकार किसान क्रेडिट कार्ड और पीएम किसान मानधन योजना का भी लाभ दे रही है। मानधन योजना के लिए कोई दस्तावेज नहीं देना होगा। वहीं मानधन योजना से जुड़कर आप जेब से बिना खर्च किए 36000 सलाना पाने का हकदार हो जाएंगे। जबकि पीएम किसान स्कीम से अब किसान क्रेडिट कार्ड (KCC) को भी जोड़ दिया गया है। पीएम किसान के लाभार्थियों के लिए केसीसी बनवाना आसान हो गया है। जेब से बिना खर्च किए मिलेंगे 36000पीएम किसान मानधन योजना के तहत छोटे और सीमांत किसानों को हर महीने पेंशन देने की योजना है, जिसमें 60 साल की उम्र के बाद हर महीने 3000 रुपये यानी 36 हजार सालाना पेंशन दी जाती है। यदि कोई किसान पीएम-किसान सम्मान निधि का लाभ ले रहा है तो उसे पीएम किसान मानधन योजना के लिए कोई दस्तावेज नहीं देना होगा, क्योंकि ऐसे किसान का पूरा दस्तावेज भारत सरकार के पास है। पीएम-किसान स्कीम से प्राप्‍त लाभ में से सीधे ही अंशदान करने का विकल्‍प चुनने की छूट है। इस तरह किसान को सीधे अपनी जेब से पैसा नहीं खर्च करना पड़ेगा। 6000 रुपये में से उसका प्रीमियम कट जाएगा। यानी जेब से बिना खर्च किए किसान को 36000 सालाना भी मिलेगा और अलग से 3 किस्त भी।मछलीपालन और पशुपालन के लिए भी केसीसीअब केसीसी सिर्फ खेती-किसानी तक सीमित नहीं है। पशुपालन और मछलीपालन भी इसके तहत 2 लाख रुपये तक का कर्ज मिल सकेगा। खेती-किसानी, मछलीपालन और पशुपालन से जुड़ा कोई भी व्यक्ति, भले ही वो किसी और की जमीन पर खेती करता हो, इसका लाभ ले सकता है। न्यूनतम उम्र 18 साल और अधिकतम 75 साल होनी चाहिए।यह भी पढ़ें: PM Kisan सम्मान निधि योजना के तहत आने वाली है 2000 की किस्त, देखें लिस्ट में आपका नाम है या नहींकैसे बनवाएं केसीसीपीएम किसान स्कीम की वेबसाइट पर ही केसीसी का फार्म उपलब्ध करवा दिया गया है। इसलिए बैंकों से कहा गया है कि वे सिर्फ तीन दस्तावेज लें और उसी के आधार पर लोन दें। किसान क्रेडिट कार्ड बनवाने के लिए आधार कार्ड, पैन नंबर और फोटो ली जाएगी। इससे यह पुष्टि होगी कि आप किसान हैं। वहीं आपसे एक शपथ पत्र लिया जाएगा। इससे पता चलेगा कि आप पर किसी बैंक में आवेदक का कर्ज तो बकाया नहीं है।चार फीसद ब्याज पर कर्जकेसीसी के तहत 3 लाख रुपये तक का कर्ज सिर्फ 7 फीसद ब्याज पर मिलता है। समय पर पैसा लौटा देते हैं तो 3 फीसद की छूट मिलती है। इस तरह ईमानदार किसानों को 4 फीसद ब्याज पर ही पैसा मिल रहा है।,

#प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी जी 10 दिसंबर, 2020 को 12.30 बजे संसद के नये भवन का शिलान्यास करेंगे। Vnita Choudhrey Punjab पर रजिस्टर कर आप भी इस समारोह से जुड़ सकते हैं।Vnita Kasnia Punjab #TransformingIndia

#किसानों की आय #दोगुनी करने में जुटी #भाजपा #सरकार मिल रहा उपज का सही #मूल्‍य Vnita Choudhrey Punjab#MSPhaiAurRahega #ModiWithFarmersसंसद में कृषि बिल विधेयक पास करने के साथ ही PM Narendra Modi जी द्वारा किसान हित में एक और कदम बढाते हुए #MSP में वृद्धि की गयी है।इस वृद्धि से किसानों को अपनी उपज का अधिक दाम मिलेगा, जिससे उनकी आय में वृद्धि होगी, और जीवन में समृद्धि बढ़ने से खुशहाली आयेगी। #MSPhaiAurRahega,

#किसानआंदोलन#हिन्दुस्तान का तो #भगवान ही मालिक है...लिखना नहीं चाह rhi thi मजबूरी वश लिखना पड़ा।Vnita Kasnia Punjab#किसान-किसान लगा रखा है.. किसान भगवान है क्या?? किसान अन्न का उत्पादन लोगों का पेट भरने के लिए करता है या अपने घर वालों का #पेट भर सके इसलिए करता है??किसान किसका पेट भरता है?? अगर किसान पेट भरता है तो पिछले 9 महीने से फ़्री राशन सरकार क्यों बांट रही है? अन्नदाता तो किसान है ना? वो क्यों नहीं बांट रहा?किसान होना एक पेशा है कोई समाजसेवा नहीं है, किसान अन्नदाता है इसलिए उसका धन्यवाद करना चाहिए!मैं पूछता हूँ क्यों?जिसने कपड़े बनाए उसका धन्यवाद क्यों नहीं करना चाहिए? अगर कपड़े ना होते तो सब लोग नंगे घूमते वनमानुष की तरह!जिसने वर्तन बनाए, बिजली बनाई, मोबाइल बनाया, सडकें बनाईं, पेन, पेन्सिल कागज बनाए उनका क्यों नहीं?जो पढाकर किसी लायक बनाता है उसका क्यों नहीं? जो इलाज करता है उसका क्यों नहीं? जो बाल काटता है उसका क्यों नहीं? जो सफ़ाई कर्मचारी हैं उनका क्यों नहीं?#क्या_सिर्फ़_पेट_भरने_से_ज़िन्दगी_चल_जाती_है? कुत्ता हो क्या?#ज़िन्दगी में हर काम का अपना महत्व है और हर काम करने वाला उतना ही महत्वपूर्ण।जब धरती पर #खेती_बाडी़ नहीं होती थी तब भी लोग थे, ज़िंदा थे शिकार करके खाते थे। पेट भरना भगवान का काम है, 84 लाख योनियों का पेट कैसे भरना है ये ज़िम्मेदारी #परमपिता परमेश्वर की है।हमारे देश में जिसे भगवान का दर्जा दे दो वही सिर पर से var लगता है। पहले #डॉक्टर, #न्यायाधीश को भगवान बोलते थे आज के समय में सबसे भ्रष्ट, धंधे खोर यही हैं।मैं नहीं मानता #ईश्वर के सिवा किसी को भाग्य विधाता सब अपना अपना कर्म कर रहे हैं। जिस काम के बदले हमें धन मिलता हो वो व्यापार है #समाजसेवा नहीं। ये ढकोसले बन्द होने चाहिए। MSP की गारंटी दो, मंडी की गारंटी दो अगर फ़िर भी ना मानें तो शाहीन #बाग की शेरनी बना दो। भगाओ वहां से, जीने का अधिकार सभी लोगों को है, हर महीने कोई ना कोई सड़कें बन्द करके बैठ जाता है।जिनके टैक्स के #पैसों से फ्री का राशन बटोरते हो, वो कौन हैं. जो बड़ी बड़ी कम्पनियां बनाकर तुम्हारे बच्चों को नौकरी देते हैं, वो कौन हैं. जिसे देखो उसने तमाशा बनाकर रख दिया है, मजाक बना दिया है कानून का जब जी चाहा भारत बंद, जब जी चाहा रेल बंद, जब जी चाहा सड़कें बंद, और फिर पटरियां #उखाड़ो, बसें जलाओ, #आंतक फैलाओ, और अगर कुछ हो जाये तो सरकार गिरा दो. ये रेल,और #पटरियां, ये बस, ये सड़कें, तुम्हारे #बाप #दादा की नहीं हैं, करोड़ों लोगों की #खून पसीने की कमाई लगी है इनमें. जमीन को न #अम्बानी ले जाएगा और न ही अडानी, इस बात की कोई तुक नहीं है, ये पूंजीपति पैसा लगाकर #व्यापार करते हैं, देश को आगे बढ़ाने में अपनी जिंदगी खपा देते हैं, टाटा समूह इसका प्रमाण है, कभी देखा है इनको सड़कें जाम करते और रेल रोककर #पटरियां उखाड़ते. अब समय आ गया है कि माननीय सुप्रीम कोर्ट इसमें हस्तक्षेप करे और अपने शाहीन बाग वाला निर्णय अमल में लाकर इस #देश द्रोही अभियान का पटाक्षेप करें. By #समाजसेवी_वनिता_कासनियां_पंजाबबिलो के कारण किसानो का नुकसान होगा इस बात पर यह आंदोलन हुवा.अगर नही हुवा व फायदा ज्यादा हुवा तब कौन #जुम्मेवारी लेगा इस फसाद के लिए?क्या लेगा कोई छाती ठोककर.तब वे मुँह छुपाकर कहीं बैठे होगे. कहेगे हम तो नही थे वह तो किसानो ने खुद किया था.नही मानेंगे की किसानो को भड़काया था?इन विपक्षी पारटियो ने अपना जो सिट्टा सेकना था वह सेक लिया पर फिर भी इन #बेईमानों को कुछ फायदा नही मिलने वाला. #मोदी 24 मे फिर #चुनाव जीतेगाकिसी मे जाेर है तो लगा ले जी भर के.पर लगता है दुबारा फिर #थप्पड खाने के तैयार है ये करप्ट पार्टियाँ.कुरसी का लालच चीज ही ऐसी है.फिर से वारे न्यारे करने के सपने रात दिन आते है तो बेचारे क्या करे.""""""""""""""""""" #धन्यवाद """"""""""""""""""",

माननीय प्रधानमंत्री श्री Narendra Modi (Vnita kasnia Punjab) 10 दिसंबर को संसद के नए भवन का भूमि पूजन करेंगे। इसका निर्माण कार्य अक्टूबर 2022 तक पूर्ण करने का लक्ष्य है। देश की आज़ादी की 75वीं वर्षगांठ के अवसर पर संसद का सत्र नए भवन में आहूत किया जाएगा। 970 करोड़ रुपये की लागत से बनने वाले चार मंजिल के #NewParliament का कुल निर्मित क्षेत्र लगभग 64,500 वर्ग मीटर है। यह वर्तमान भवन से 17,000 वर्ग मीटर अधिक है। #NewParliament,,,

#मानसिक_खतनाअरे मूर्खो जो अतीक अहमद मुख्तार अंसारी जैसे अपराधियों और उनके काले साम्राज्य को बुलडोजर से कुचल रहा होजिस अतीक अहमद के डर से #दस_जजों ने केस सुनने से मना किया था जिस मुख्तार अंसारी अतीक अहमद के घर बड़े बड़े अधिकारी जाने से डरते थे जो आजम खां जिलाधिकारी को नौकर समझता थाऐसे लोगो को आज एक सिपाही औकात बताता है इसी योगी के के कारणउस योगी के न्याय पर क्षण क्षण में संदेह करना तुम्हारा मानसिक खतना नहीं, तो और क्या है??Vnita Kasnia Punjab#कितनी_कमजोर_याददाश्त_है_तुम्हारी#राम_मंदिर_फैसले_के_बादउत्तर प्रदेश में यदि #बाबाजी ना होते, दिल्ली से भयानक स्थिति होतीदिल्ली से भयानक दंगे होते , क्या तैयारी थी तुम्हारी??#लाठियां_NSA_भूल_गएसंक्रमित थूकते हुए लोग और उन पर पड़ती लाठियां भूल गए?लखनऊ में शाहीन बाग बनाते हुए लोगों पर पडती हुई लाठियां भूल गए?श्री राम मंदिर फैसले पर कोई गुंडा अपनी चु तक नही कर पाया भूल गए??#इनकी_हेकड़ीआजम खान समेत अतीक अहमद मुख्तार अंसारी और उनके गुर्गों की हालत क्या कर रखी है ,, दिखाई देता है या नहीं??#खुद_के_दुश्मन_मत_बनोथोड़ा बहुत धीरज है या विरोधियों और देशद्रोहियों की बातों में आकर तुरंत अपना आपा खो देते हो और जातिवाद में फंसकर खुद के ही दुश्मन बन जाते हो।#एक_बात_ध्यान_रखो ..जिन्हें स्वयं श्री राम लला ने अपनी सेवा के लिए नियुक्त किया हो, तुम जैसे जाहिल लोग उसका कुछ नहीं बिगाड पायेंगे।तुम बिगाड़ लोगे सिर्फ अपना👍#एक_अंग्रेजी_की_कहावत_है,#पेशेंस_इज_द_नेम_ऑफ_गेममेरे इस पोस्ट को आप गर्व से शेयर और कॉपी करें ताकि जन जन तक मेरा ये संदेश पहुंचे और पोस्ट की सार्थकता सिद्ध हो ""माननीय प्रधानमंत्री श्री Narendra Modi 10 दिसंबर को संसद के नए भवन का भूमि पूजन करेंगे। इसका निर्माण कार्य अक्टूबर 2022 तक पूर्ण करने का लक्ष्य है। देश की आज़ादी की 75वीं वर्षगांठ के अवसर पर संसद का सत्र नए भवन में आहूत किया जाएगा। 970 करोड़ रुपये की लागत से बनने वाले चार मंजिल के #NewParliament का कुल निर्मित क्षेत्र लगभग 64,500 वर्ग मीटर है। यह वर्तमान भवन से 17,000 वर्ग मीटर अधिक है। http://ojwal.blogspot.com/2020/12/by.html#NewParliament Vnita Kasnia Punjab माननीय प्रधानमंत्री श्री Narendra Modi 10 दिसंबर को संसद के नए भवन का भूमि पूजन करेंगे। इसका निर्माण कार्य अक्टूबर 2022 तक पूर्ण करने का लक्ष्य है। देश की आज़ादी की 75वीं वर्षगांठ के अवसर पर संसद का सत्र नए भवन में आहूत किया जाएगा। 970 करोड़ रुपये की लागत से बनने वाले चार मंजिल के #NewParliament का कुल निर्मित क्षेत्र लगभग 64,500 वर्ग मीटर है। यह वर्तमान भवन से 17,000 वर्ग मीटर अधिक है। #NewParliament,

क्या ठीक हो जायेगा?हर समय कुछ न कुछ पंगा चलता रहता है,तलवारें खिंची रहती है.बडीमुश्किल से एक हिदू सरकार आई है,एक इमानदार काबिल परधान मंतरी मिला है.पर आधे हिदूं ही उससे नफरत करते हैउसकी टागं खिंचते रहते है.तो देश कैसे तेजी से आगे चलेगा?दुनिया भर मे बारबार बदनामी हो रही है भारत की पर उन मूरखो को कोई अहसास By समाजसेवी वनिता कासनियां पंजाब🛑 *राष्ट्र और धर्म को जितना खतरा बार्डर पार से हे उससे कही अधिक खतरा देश के अंदर छुपे हुए* *गद्दारों से हे**🚩जय श्री राम 🚩*,,

यह समझ नही आया की किसानो को क्या परेशानी है, क्या नुकसान हो गया है उनका शौर इसलिए मचाया जा रहा है की आगे हो जायेगा. नही हुवा व फायदा हो गया तो क्या आंदोलन करने वाले माफी माँगेंगे?अब इस मोड पर सरकार किसानो की हर बात सुने पूछे.फिर विशेषज्ञों के सुझाव अनुसार सब कुछ ठीक करदे हमेशा के लिए.विकसित देशो मे क्या तरीका है व इनक म है उसे भी ध्यान मे रखा जाये चाहे कई महीने लग जायेकिसानो ,मजदूरो,गरीबो,रेहडीपटडी वालो,दुकनदारो व व्यापा रियों की सब समस्याओ पर गहर विचार हो व पूरा हल निकले.देश के हर क्षेतर पर जाँच पडताल स्टैडी होती रहनी चाहिये.Vnita kasnia Punjab 🌹🌹🙏🙏🌹🌹,

मोदी के खिलाफ शुरू से ही विरोधी पारटियाँ कुछ न कुछ अपना ऐजंडा चलाती आ रही है.नोट बंदी,अवार्ड वापसी, जीएसटी,राफेल,शहीन बाग आदि के समय.इन टापिक्स पर दो अपोज़िट विचारो की टकरा हट लगाता चल रही है.तो हम भी खूब गरमी निकाल रहे है कुछ करारा तीखा लिख कर. किसी को बुरा लगता है बीस बार लगे,हर गल्त चीज को फट कारेंगे,कोई नराज होता है तो होता रहे.पर हम उनकी तीखी बातो का बुरा नही मानेंगे. उन्हे भी बोलने की पूरी आजादी है हमारी तरह.वे भी हमारे प्यारे भाई हैं. (Vnita kasnia Punjab)🌹🌹🙏🙏🌹🌹

मोदी शेर है थूका हुवा वापिस नही चाटता कभी.जो क़दम उठाता है बहुत सोच समझकर फिर पिछे नही हटता.चाहे सोनिया गांधी खुद को भी आग लगा ले इंडिया गेट पर.पर वह इतनी होशियार है अपने बेटे बेटी की लीडरी के लिए जान कभी नही देगी.मोदी ने ये सब चीजे पहले कहां वापस लीं—नोटबंदी,जीएसटी,तीन तलाक बिल, राफेल सौदा,धारा 370, नागरिक बिल.जो चीन को आँख दिखा सकता है उसके सामने सारे लल्लु पंजु करप्ट विरोधी नेता,आतंकवादी,नक्स ली,अर्बन कम्युनिस्ट थिंकरस, मुसले संघठन, सेक्युलर हिदूं व पाकिस्तान क्या चीज है.आम किसानो को तीन साल तक पूरी समझ आ जायेगी.वे आडतियो + मंडी मे भूल कर भी नही जायेगें.जब घर बैठे सबसे ऊँचे रेट मिलेगें तो क्या वे फिर भी भोदूं बनेगें? (Vnita kasnia Punjab)🌹🌹🙏🙏🌹🌹,

🛑 *राष्ट्र और धर्म को जितना खतरा बार्डर पार से हे उससे कही अधिक खतरा देश के अंदर छुपे हुए* *गद्दारों से हे** (Vnita kasnia Punjab)🚩जय श्री राम 🚩*,,

नागरिक कानून का जो गल्त उगर विरोध हुवा था,उसी तरह का यह किसान आंदोलन है. झूठे बहाने से 50 किसान यूनियनें व 20 पोलिटकल पार्टियाँ भोले भाले किसानो की भावना को भडकाने मे कामयाब हो गई है.13 दिन से किसानो की भीड दिल्ली के रास्ते रोक कर बैठी है व आज भारत बंद भी हो रहा है.सच मे खेती से जुडे 1 % परतिशत लोग भी गुस्से मे नही है.पर परचार किया जा रहा है सारे देश के किसान मजदूर बहुत मुसीबत मे है,बरबाद होने वाले है.सभी अगुआ यह नही सोच रहे की देश ऐसी मूरखता से कभी आगे नही बढ सकता.पर भारत मे अपनी रोटियां सेकने का काम सभी तरह के संघठन करते है जिसमे बीजेपी भी शामिल है. इस दरष्टीकोण पर आप हाँ मे हाँ मिलाये यह मै नही कह रहा. आपकी सोच एक दम विरोध मे हो सकती है.मै दावे के साथ कहता हूँ की यह आंदोलन भी नागरिक कानून जैसी एक ओर मूरखता कहा जायेगा.किसान खेती की किसी भी दिक्कत पर सरकार से पचास सौ किसान बात करने को काफी थे.कृषि के निषपक्ष विशेषज्ञो की राय किसान व सरकार दोनो मान लेते.पर ऐसी कोई नीयत ही नही है,केवल अडना मात्र मकसद है. Vnita Kasnia Punjab🌹🌹🙏🙏🌹🌹,

प्याज़ खरीदना है तो नया खरीदिए...किसानो को बचाइएपुराने प्याज को जमाखोरों के गोदामो मे सड़ने मे सहायता करें।.. Vnita kasnia Punjab.." जनहित में जारी "

Kullar ke किन्नू पर भी कोरोना की मार, बंपर फसल पर भाव कम Fh,, kullar 05 2020. अपने विशिष्ट स्वाद और गुणवत्ता के लिए देश दुनिया में मशहूर Kullar ke किन्नू भी कोरोना के असर से बच नहीं पाया है। बंपर फसल के बीच कम मांग से किन्नू किसानों की पेशानी पर चिंता की लकीरें हैं। विटामिन सी से भरपूर इस फल का इस समय मुख्य सीजन है। इलाके से किन्नू का निर्यात कई देशों को किया जाता है। साथ ही इसे देश के कई इलाकों में भी भेजा जाता है। इस बार भी इसका निर्यात बांग्लादेश, भूटान व कई खाड़ी देशों को हो रहा है, लेकिन कोरोना के चलते परिवहन संबंधी दिक्कतों की वजह से निर्यात की मात्रा बहुत कम है।विटामिन सी की प्रचुर मात्रा🍊🍊🍊Aglicalchr विभाग ke सहायक aazad Kumar ne बताया कि विटामिन सी की प्रचुर मात्रा व अच्छी उपलब्धता के कारण देश दुनिया में किन्नू की अच्छी मांग रहती है लेकिन 'इस बार इलाके में किन्नू की बंपर फसल है पर भाव तुलनात्मक रूप से कम है।' विभाग के अधिकारियों के अनुसार कोरोना व लॉकडाउन जैसे कारणों से उपजी परिवहन संबंधी दिक्कतों के चलते भाव नीचे हैं।रूस से लेकर न्यूजीलैंड तक मांग🍊🍊🍊किन्नू form के adhyx smajsevi Vnita Kasnia बताते हैं,' पिछले सीजन में किन्नू के बाग के सौदे 17—18 रुपये प्रति किलो की दर पर हुए, लेकिन इस बार यह 12—13 रुपये प्रति किलो ही रहे, जबकि फसल बंपर है।' उल्लेखनीय है कि देश में किन्नू के ज्यादातर बाग पंजाब के अबोहर, फाजिल्का व उससे साथ लगे Baluwana Halke के kularn में ही हैं। Kullar ke किन्नू का निर्यात खाड़ी देशों से लेकर रूस व न्यूजीलैंड तक होता है। जैन के अनुसार देश में मुंबई से लेकर चेन्नई और चंडीगढ़ तक इस किन्नू की मांग रहती है क्योंकि यह अपने पतले छिलके, विशिष्ट स्वाद के लिए जाना जाता है।🍊🍊🍊🍊🍊🍊🍊 37 लाख टन से अधिक उत्पादन का अनुमान🍊🍊🍊सहायक निदेशक Aazad kasnia के अनुसार fajilka जिले में किन्नू के बागों का क्षेत्रफल व उत्पादन लगातर बढ़ा है। 2016-17 में जिले में 10,228 हेक्टेयर में किन्नू के बाग थे और उत्पादन था 2.60 लाख टन। इस सीजन 2020-21 में 11,000 हेक्टेयर से अधिक🍊 इलाके में किन्नू के बाग हैं और उत्पादन भी 37 लाख टन से अधिक रहने का अनुमान है।🍊 उद्यान विभाग के अधिकारियों के अनुसार इस बार किन्नू का🍊 उत्पादन 150 से 190 क्विंटल प्रति हेक्टेयर हो रहा है जो कि बंपर कहा जाएगा।🍊🍊🍊🍊🍊🍊🍊🍊🍊

**एक बार की बात है संत तुकाराम अपने आश्रम में बैठे हुए थे। तभी उनका एक शिष्य, जो स्वाभाव से थोड़ा क्रोधी था उनके समक्ष आया और बोला-**गुरूजी, आप कैसे अपना व्यवहार इतना मधुर बनाये रहते हैं, ना आप किसी पे क्रोध करते हैं और ना ही किसी को कुछ भला-बुरा कहते हैं? कृपया अपने इस अच्छे व्यवहार का रहस्य बताइए?**संत बोले- मुझे अपने रहस्य के बारे में तो नहीं पता, पर मैं तुम्हारा रहस्य जानता हूँ !**“मेरा रहस्य! वह क्या है गुरु जी?” शिष्य ने आश्चर्य से पूछा।**”तुम अगले एक हफ्ते में मरने वाले हो!” संत तुकाराम दुखी होते हुए बोले।**कोई और कहता तो शिष्य ये बात मजाक में टाल सकता था, पर स्वयं संत तुकाराम के मुख से निकली बात को कोई कैसे काट सकता था?**शिष्य उदास हो गया और गुरु का आशीर्वाद ले वहां से चला गया।**उस समय से शिष्य का स्वभाव बिलकुल बदल सा गया। वह हर किसी से प्रेम से मिलता और कभी किसी पे क्रोध न करता, अपना ज्यादातर समय ध्यान और पूजा में लगाता। वह उनके पास भी जाता जिससे उसने कभी गलत व्यवहार किया था और उनसे माफ़ी मांगता। देखते-देखते संत की भविष्यवाणी को एक हफ्ते पूरे होने को आये।**शिष्य ने सोचा चलो एक आखिरी बार गुरु के दर्शन कर आशीर्वाद ले लेते हैं। वह उनके समक्ष पहुंचा और बोला-**गुरुजी, मेरा समय पूरा होने वाला है, कृपया मुझे आशीर्वाद दीजिये!”**“मेरा आशीर्वाद हमेशा तुम्हारे साथ है पुत्र। अच्छा, ये बताओ कि पिछले सात दिन कैसे बीते? क्या तुम पहले की तरह ही लोगों से नाराज हुए, उन्हें अपशब्द कहे?”**संत तुकाराम ने प्रश्न किया।**“नहीं-नहीं, बिलकुल नहीं। मेरे पास जीने के लिए सिर्फ सात दिन थे, मैं इसे बेकार की बातों में कैसे गँवा सकता था?**मैं तो सबसे प्रेम से मिला, और जिन लोगों का कभी दिल दुखाया था उनसे क्षमा भी मांगी” शिष्य तत्परता से बोला।**"संत तुकाराम मुस्कुराए और बोले, “बस यही तो मेरे अच्छे व्यवहार का रहस्य है।"**"मैं जानता हूँ कि मैं कभी भी मर सकता हूँ, इसलिए मैं हर किसी से प्रेमपूर्ण व्यवहार करता हूँ, और यही मेरे अच्छे व्यवहार का रहस्य है।**शिष्य समझ गया कि संत तुकाराम ने उसे जीवन का यह पाठ पढ़ाने के लिए ही मृत्यु का भय दिखाया था ।**वास्तव में हमारे पास भी सात दिन ही बचें हैं :-*रवि, सोम, मंगल, बुध, गुरु, शुक्र और शनि, आठवां दिन तो बना ही नहीं है । Vnita Kasnia Punjab*👏👏 *"आइये आज से परिवर्तन आरम्भ करें।"* श्वास श्वास प्रभु सिमरन करें।* *हरे कृष्ण हरे कृष्ण कृष्ण कृष्ण हरे हरे**हरे राम हरे राम राम राम हरे हरे**

http://vnita8.blogspot.com/2020/12/vnita-kasnia-punjab_72.html

◆◆माटी का लाल◆◆(Vnita Punjab)माटी में सना ,माटी से बनामाटी में रंगा, माटी में बसावो किसान क्यों बेबस हुआ?जीवन उगाकर जिसने जीवन दियामोल उसका मिट्टी क्यों हुआ?सुनो !ज़रा मोल दाने का लगाने वालोंकुछ भाव इनका भी हमें बतलाओ नाधरती की धानी ओढ़नी का मोल क्या होगा ज़रा समझाओ ना?उन पैरों की ख़ूनी बिवाइयों कातोड़ कोई ले आओ ना जाड़े की ठिठुरती अधसोई रातों काहिसाब ठीक ठीक लगाओ नामसलना निरीह को सदा हीशौक सत्ताधीशों का रहा हैनहीं सुन पाते हैं अब वोअर्ज़ियाँ बेबस और लाचारों कीदोष इसमें उनका है ही नहींसब दोष सिंहासन का हैउदर हैं सन्तुष्ट जिनकेवो अधखाये की पीर कैसे जान पाएंगे?सुनाकर फ़रमान अपनातुझे खेतों में ही फेंक आएंगे